आहार और पोषण( food and nutrition)
आहार और पोषण( food and nutrition)
प्रकृति के अनमोल है कुछ उपहार, यह उपाय सभी को देते सुरक्षा का आधार, प्रथम उपहार है हवा जो प्राणों का करता संचार, द्वितीय तत्व है जो बन बैठा जीवन का सार, तृतीय से हो जाते हम पूर्ण जो है हमारा स्वस्थ आहार।
मनुष्य प्रकृति का ही भाग है, और इसे अपने जीवन यापन के लिए प्रकृति से ही तत्वों की प्राप्ति होती है। इन्हीं तत्वों के माध्यम से मनुष्य अपना आहार प्राप्त करता है। मनुष्य का शरीर ब्रह्मांड और सृष्टि में स्थित पंच तत्वों से निर्मित है जिन्हें हम 5 महाभूत या पंचमहाभूत कहते हैं। जो आहार हम ग्रहण करते हैं वह सभी वस्तुएं मूल्य तय हमें पृथ्वी से ही प्राप्त होती हैं। अतः पृथ्वी से उपज ने वाली सभी खाद्य सामग्री में उसके ही अंश अलग-अलग मात्रा में उपस्थित होते हैं पुलिस टॉप जैसे प्रोटीन में ऑक्सीजन हाइड्रोजन नाइट्रोजन और कार्बन उपस्थित होता है।
इन्हीं खाद्य पदार्थों से हमारे शरीर का पालन में पोषण होता है और यदि हम ऋतु के अनुसार अपना आहार-विहार खानपान बनाए रखते हैं तो हमारे शरीर की इमारत को यह मजबूत और स्वस्थ बनाए रखता है। वायु में जल के बाद भोजन मनुष्य की आधारभूत आवश्यकता है। शरीर की वृद्धि (growth) विकास( development )कोशिकाओं की मरम्मत(mainte nance)रोगों से रक्षा(protection from diseases)नियंत्रण (control) और प्रजनन (reprod uction)के लिए भी भोजन की आवश्यकता होती है।
अतः हम यह कह कि बिना भोजन के हमारे शरीर के समस्त कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसलिए सृष्टि में मनुष्य के लिए ही नहीं अपितु प्रत्येक प्राणी के लिए एक आहार सुनिश्चित किया गया है। हमारे आस पास के सभी प्राणी किसी न किसी रूप में अपना आहार लेते हैं इनमें हम मुख्यतः 2 वर्ग बना सकते हैं पहला शाकाहारी और दूसरा मांसाहारी।
शाकाहारी- शाकाहारी वह जीव होते हैं जोकि पेड़ पौधों और वनस्पतियों से ही भोजन ग्रहण करते हैं।
मांसाहारी- मांसाहारी वह जीव होते हैं जोकि अपना भोजन अपने से छोटे और शक्ति इन प्राणियों का शिकार करके प्राप्त करते हैं।
यहां पर हम मनुष्य के आहार के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि आप सभी आहार के द्वारा ही अपने शरीर को स्वस्थ रख सकें।
भोजन क्या है?- भोजन है क्या? बहुत ही साधारण सा प्रश्न है किंतु इसका जवाब भी बहुत से लोग नहीं दे पाएंगे। चलिए हम आपको बताते हैं भोजन है क्या?
भोजन से अभिप्राय उन तरल में ठोस भोज्य पदार्थों से हैं जिसे हम खाते हैं अथवा पीते हैं। इन पदार्थों से हमारे शरीर की वृद्धि होती है, शरीर के टूट-फूट की पूर्ति होती है, कोशिकाओं की मरम्मत होती है, तथा हमारा शरीर विकसित सुडोल और निरोगी बनता है। इस प्रकार हम भोजन को परिभाषित करते हुए कह सकते हैं कि- “ वह सभी को सुबह तरल भोज्य पदार्थ या खाद्य तत्व जो कि हमारे खाने योग्य हो और जिन से हमारे शरीर को कोई हानि नहीं पहुंचे, जिसे आसानी से पचाया जा सके, जिससे शरीर को ऊर्जा व गर्मी मिलती हो, शरीर की वृद्धि होती हो, ऊतकों की टूट-फूट को सही करता हो और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हो वही पदार्थ भोजन कह लाता है ।”
All solid andLiquid food which is eaten or drunk us, edible, easily digested by the body, gives energy and heat, promotes growth, repairs tissues, nourishes our body and make our immune system called food.